मेरी सेक्सी मॉम सेक्स कहानियाँ
#1
ये कहानी उस समय कि है जब मे सोल्लेगे मे सतुदेनत था। I was 20 and my mom was of 35yrs. She was a sexy lady with very good attaractive body figure and also full of sexual desires. I have seen her from bathroom holes bathing nudes and once having sex with father. From that day I had a desire to have sex with mom like my father was enjoying on that night. One night my father was out of station and I was in my bedroom. But I could not sleep thereafter I started masturbating on a long round pillow doing act like having sex and in the mean time my mom opened the door and entered the room.
दरवजा खुलने कि अवज़ से मैं घबरकर रुक गया लेकिन मैं तकिये के उपर था। फिर मैं तकिये पर से बगल मे लेत गया। मोम ने पुछा कया हुअ,कया कर रहे थे? मैने कहा कि निनद नहि आ रह है, कुच बैचेनि सि है । फिर मैने मोम से पुछा कया तुमको निनद नहि आ रहि है। वो बोलि हान मुझे भि निनद नहि आ रहि है। मैने कहा कि आप भि यहिन लेत जैये। फिर वो मेरे पस भैथ गयि। मैने फिर कहा कि यहि सो जओ मेरे पस। फिर वो लेत गयि। कुतच देर बद मैने पुछा निनद नहि आ रहि है तो कहनि पधते है, मैने पपा कि कितब कि रसक से एक सेक्सी कहनि कि बूक निकलि और कहा कि इसको पधते है –मोम बोलि कया है, मैने कहा पधने मे बहुत मजा अयेगा, बहुत गुदगुदि भि होति है इसको पधने से। फिर मैने कितब को बितच मे रखकर दोनो पधने लगे, फिर मैने कहा मैं पधकर सुनता हु लिघत कम थि। मैने उनको सेक्सी कहनि पधकर सुनने लगा और उसमे एक लदी का दुसरे मरद के सथ सेक्स का किस्सा था बहुत देतैल मे था वो बोलि ये सब कया है मैने कहा अलमरि मे रखि थि, वो बोलि इसमे बदो कि गनदि बते है, इसको नहि पधना चहिये, मैने कहा फिर तुमहरि और दद कि अलमिरह मे कयो रखि है, एक बर पधते है,सुनो ना फिर उसको भि मज़ा अने लगा वो भि एक्ससितेद होने लगि और बिच बितच मे अपनि बुर खुजला रहि थि मैने कहा गुदगुदि हो रहि है ना, मेरे भि इसमे(अपने लनद पर इसरा करते हुए कहा) बहुत हो रहि है सरे बदन मे हो रहि है। फिर मैने कहा कि अब आप पधिये, फिर वो पधने लगि वो बहुत एक्ससितेद हो गयी। फिर उसने कितब बनद करके रख दि और बिसतर पर लेत गयी। मैने पुचा कया हुअ तो वो बोलि बैचेनि हो रहि है, कुच खुजलि भि बदन पर हो रहि है। मैने पुचा पोवदेर बदन पे लगने से अरम मिलेगा वो बोलि हान थिक है पोवदेर हि लगा दो मैं बगल रूम से पोवदेर लेकर अया तब मोम पेत के बल लेति थी बोलि कमर मे लगा दो, मैने देखा क्कि उनहोने बलोवसे के बुत्तोन खोले हुए थे और बरा भि खोल दि थि।
मैं पोवदेर कमर पर बलोवसे के अनदर हथ देकर मलने लगा अहिसता अहिसता पुरि कमर पर मलते हुए सिदे से बूबस भि मसलने लगा फिर मैने सिदे से बूबस पर पोवदेर लगते लगते दबने लगा उसको मज़्ज़ा आ रहा था। फिर मैन कहा कि समने घुमो गरदन के पस भि लगा देता हुन। वो घुमि तो बलोवसे के बुत्तुन खुले हुए थे और बूबस बहर ननगे थे। ।बदे बदे बूबस बहुत सेक्सी लग रहे थे, मैने तुरनत गरदन और फिर बूबस पर पोवदेर लगने लगा और अब तो बूबस भि मसल रहा था वो कुच नहि बोल रहि थि। फिर मैने मसलते मसलते हथ बूबस के निचे पेत पर फिर नवहि पर मसला और धिरे से उनका पेतिकोत का नरा खोल दिया, और अपने हथ अनदर दलकर जनघ पर फेरते फेरते बुर पर भि पोवदेर लगने लगा वो बोलि ये कया कर रहे हो मैने कहा थिक से लगा देता हु फिर निनद भि थिक से आ जयेगि। फिर मैने हथ उनके गोल गोल चुतर पर फेरने लगा सच मे बदा मज़ा आ रहा था – मैने पुचा कया मज़ा आ रहा है अरम मिल रहा है अब तो अछा लग रहा है, मैने चुतर पर हथ फेरते फेरते उनके उपर चद गया और बोला अब बान भि दब जयेगा फिर मैने कमर के निचे से बूबस पकद कर जोर जोर से दबने लगा अब वो पुरि तदप रहि थि मैने कहा कितब वला ससेने करते है मेरे बदन मे जोर जोर से गुदगुदि हो रहि है फिर अचनक वो बोलिये कया कर रहे हो, मैने कहा दरवजा बनद है, किशि को पता नहि चलेगा, मैं किसिसे नहि कहुनगा,तुमहरि कसम, और मज़ा भि आ जयेगा,पलेअसे मना मत करो। मैने फिर से उनको कहा कि कहनि कि तरह मज़ा करते है मैने अपना पज़मा खोल दिया और उनके जनघो पर बैथा तो उनहोने मेरा लंद पकद कर लनद पर हथ फेरते हुए कहा कि परोमिसे करो तुम किसिसे कभि भि नहि कहोगे। मैने कहा परोमिसे और फिर कया था उनहोने अपने सरे कपदे बदन से अलग कर दिये मैने कहा कि आप जैसे बोलेनगि वैसे करुनगा उनहोने कहा वैसे हि करते जओ जैसे जैसे कहनि मे पधा था मैने उनके बूबस को चुसना शुरु किया और दबा भि रहा था फिर वो भि मेरे लंद पर हथ फेरने लगि मैने भि एक हथ कि अनगुलि से बुर दबने लगा और अनगुलि अनदर कर दि। फिर वो मुह से शह्हह्हह अवज़ निकलने लगि। फिर मैने उनसे कितब के ससेने कि तरह उनसे दोग्गी सतयके मे उथने को कहा और अपने लंद को पिचे से उनके बुर के छेद के पस ले जकर लंद को फेरने लगा उधर दोनो हथो से बूबस भि दबा रहा था। फ़नतसतिस, बदा मज़ा आ रहा था, अचनक हि लंद फिसला और झतके के सथ बुर मे घुस गया, कयोकि उनकि बुर का छेद चुदवते चुदवते कुच तो बरा हो गया था, उनके मुह से भि मेरे मुह से भि जोर कि शह्हह …।।आह … आह …शह्हह कि आवज़ निकलने लगि। मैने अब धक्का लगना सुरु किया, धिरे धिरे धक्के कि सपीद भि भि बधा रहा था, कया मज़ा आ रहा था, वो भि बोलि और जोर से और जोर से, मैने बूबस को जोर से दबकर घुनदियो को खिचा और धक्के लगने लगा।।अह…उह…।ओह…सुपेरब…श्शश……और और जोर से ,कया बत है, और झतका दु, बोलने लगा, फिर अपना लंद बहर निकला और वो बेद पर सिधा लेत गयी मैने धिरे धिरे बदन पर हथ फेरा

फिर बुर मे उनगलि घुसकर भितर के पोइनत को सहलने लगा ये उनका गसपोत था,वो बहुत जोर से हिलगयी और आअ…आअ।।श्शश।।उह…।।आवज़ निकलि, मैने अब लंद को उनके बदन पर बूबस पर फिरना शुरु किया उपर से निचे कि तरफ़ लने लगा,फिर उनहोने मेरा मुह अपने मुह के पस लकर जोर से किस्स किया मैं भि जोर जोर से किस्स करने कगा और अपनि जिभ भि उनके मुह पा फरने लगा चुसने मे मज़ा आ रहा था , वो सथ सथ मेरे लंद को ऐक हथ से जोर जोर से सहला रहि थि, मैं भि बोला बहुत मज़ा दे रहि हो। फिर उनहोने मेरे को जोर से अपनि तरफ़ खिनचकर बहो मे जकद लिया मैने भि उनको भिच दिया उनके बूबस मेरे बूबस से चिपक कर दब रहे थे, कया रगद का मज़ा था। फिर उनहोने अपनि जनघ फैलयी और कहा अब जलदि जलदि जो जोर जोर से यहा ले आओ और मैने लंद तुरनत हि उनकि बुर मे घुसकर धिरे धिरे हिलने लगा, फिर वो बोलि आअह ऐसे नहि चलेगा जोर जोर से झतके लगओ और मैने जोर जोर से धक्का लगना शुरु किया, कया मसत चुदै का अननद आ रहा था वो भि मज़्ज़ा ले रहि थि शह…शह।आ……कया बत है आह…आ।।शह…।अह्हह्हह्ह…ओह्हह्हह्ह और जोर जोर से लगओ बहुत मज़ा आ रहा है, मैने भि पुरि तकत से लंद को भितर थोकने लगा, चुदै पुरि सपीद पर थि और अब मैं झरने लगा मेरा रस झरने लगा और मैं शनत होकर उनके ननगे बदन से जोर से लिपत गया और सोया रहा, गुदगुदे बदन पर बदा मज़ा आ रहा था फिर वो बोलि चलो हतो बहुत देर हो गयि है सोते है, और वो अपने कपदे थिक करने लगि। फिर बोलि ये रज हि रखना किसिसे कभि मत कहना। मैने परोमिसे कहते हुए उनके बूबस को दबकर किस्स कर लिया और बुर को दबते हुए कहा फिर कभि गुदगुदु होगि तो ……और वो हसने लगि मैं भि समझ गया। बोलि बदमस हो गये हो, चल सो जा और वो अपने कमरे मे सोने चलि गयी।
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