09-09-2016, 03:56 PM
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशु है और मेरी उम्र 20 साल है। में उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ, में अपने माँ बाप की एक ही संतान हूँ। ये कोई कहानी नहीं है एक सच्ची घटना है। वैसे तो में एक लड़का हूँ, लेकिन एक अंकल ने मुझे इतना चोदा कि में लड़की बन गया। ये घटना आज से 2 साल पहले की है, जब में 18 साल का था। मेरा रंग गोरा, चिकना शरीर, पिंक लिप, छोटी सी गांड। मेरा एक दोस्त था जिसका नाम सोनू था, में शाम को अक्सर अपने दोस्त के साथ खेला करता था। एक दिन मेरे दोस्त का बर्थ-डे था तो रात को में उसके घर पर ही रुक गया, मैंने रात में अचानक किसी का हाथ अपने लंड पर महसूस किया। ये सोनू था जो मेरे लंड को सहला रहा था, मुझे अजीब सा मज़ा आ रहा था तो मैंने भी सोनू के लंड को पकड़ लिया। फिर कुछ देर के बाद हम दोनों के हाथ पैर अकड़ गये और अजीब सा मज़ा आया, फिर हम दोनों सो गये अगले दिन से हम दोनों रोज यही करते और मज़ा लेते है।
एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था, में और सोनू अकेले थे और दोनों नंगे ही एक दूसरे से मज़े ले रहे थे कि अचानक एक 35 साल का आदमी मेरे घर में आया। ये और कोई नहीं था मेरे पापा के दोस्त राकेश अंकल थे जिनकी पत्नी को मरे अभी 2 महीने हुए थे। अंकल को देखते ही मेरी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। फिर हम दोनों ने जल्दी से कपड़े पहने और अंकल ने मुझे आवाज़ लगाई तो में बाहर आया तो वो कहने लगे कि ये तुम दोनों क्या कर रहे थे? मैंने सब देख लिया है। आज में तुम्हारी तुम्हारे पापा से शिकायत करूँगा, तो में रोने लगा। फिर मेरा दोस्त बाहर आया तो उसको अंकल ने डांटकर भगा दिया। फिर अंकल ने मेरी एक एक भी बात नहीं सुनी और राकेश अंकल वहाँ से चले गये। उनके जाने के बाद में अपनी तकदीर को कोसता रहा।
फिर रात को अंकल घर आए और कहने लगे शर्मा जी तुमसे कुछ बात करनी है। फिर अंकल और पापा दोनों अलग रूम में चले गये, में बहुत डर गया था। फिर कुछ देर के बाद जब पापा बाहर आए और बोले विशु बेटा कल रमेश अंकल के घर चले जाना अंकल तुम्हे पढ़ा देंगे। मेरे समझ में कुछ नहीं आ रहा था तो मैंने हाँ में सिर हिला दिया। अगले दिन रविवार को जब में रमेश अंकल के घर पहुंचा तो सुबह के 10 बज रहे थे। मैंने डोर बेल बजाई तो अंकल बाहर आए और बोले अरे विशु बाहर क्यो खड़े हो? अंदर आओ। फिर में अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया, फिर उन्होंने चाय बनाई और हम दोनों चाय पीने लगे।
फिर अंकल बोले जो तुम दोनों कर रहे थे वो ठीक नहीं था। फिर उन्होंने मुझे खींचकर अपने पास बैठा लिया। में डर रहा था, हम दोनों की चाय ख़त्म हो चुकी थी। फिर अंकल ने मुझे अपनी बाहों में भरा और मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए, में सिर्फ़ गूं गूं की आवाज़ ही निकाल पा रहा था। फिर उन्होंने करीब 5 मिनट के बाद मुझे आज़ाद किया और मुझसे बोले कि तुम्हारे होंठ बहुत टेस्टी है और इतना कहते ही उन्होंने अपने और मेरे कपड़े खोलने शुरू कर दिए तो में उनसे मना करने लगा। फिर वो बोले चुपचाप रहो विशु मेरी बात मान लो नहीं तो जो तुम दोनों कर रहे थे वो सब में तुम्हारे पापा को बता दूँगा। तो में डर गया और अंकल ने जल्दी से मेरे कपड़े निकाल दिए और बोले कि विशु तू बहुत चिकना है, आज तुझे में अपनी बीवी बनाऊंगा। फिर वो मुझे गोद में उठाकर अपने रूम में आ गये और मुझे मेकअप का सामान दिया और अपनी बीवी के कपड़े पहनने के लिए दिए। तो मैंने उनसे यह सब करने के लिए मना किया, तो अंकल ने मुझे एक थप्पड़ मारा। फिर में चुपचाप ब्रा, पेंटी, ब्लाउज, पेटीकोट और साड़ी पहनने लगा। फिर मैंने मेकअप किया। उसके बाद मैंने अपने आपको कांच में देखा तो में दुल्हन से भी ज़्यादा सुंदर लग रहा था और दुल्हन की तरह बिस्तर पर बैठ गया। उस समय मुझे एक अजीब सा मज़ा आ रहा था और डर भी लग रहा था।
फिर अंकल आए और मुझसे कहने लगे कि अपने पति के पैर नहीं छुओगी जान। फिर मैंने उठकर अंकल के पैर छुए और फिर उन्होंने मुझे गोद में उठाया और होंठ चूसते रहे और करीब 5 मिनट के बाद मुझे छोड़ा, फिर मैंने देखा कि अंकल बिल्कुल नंगे थे, उनका लंड बहुत मोटा और लंबा था। करीब 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था मुझे डर लग रहा था। फिर अंकल ने लंड मेरे हाथ में दिया और चूसने को बोला। फिर में आहिस्ता-आहिस्ता उनका लंड चूसने लगा तो मुझे कुछ अजीब सा ही मज़ा आ रहा था। फिर अंकल ने मुझे उल्टा लेटाया और मेरी गांड के छेद को अपने लंड से सहलाने लगे, तो मुझे भी मज़ा आने लगा था और में भी अपनी गांड हिला-हिलाकर उनके लंड को अंदर लेने के लिए बेचैन हो रहा था। फिर अंकल ने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझे अपना पति मानती हो? तो मैंने हाँ में सिर हिला दिया। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर अंकल ने मुझसे पूछा कि मेरी पत्नी थूक लगवाकर गांड की सील तुडवायेगी या तेल से या किसी और चीज़ से, तो में बोला तेल से, तो अंकल पहले से ही तेल लेकर आए थे। फिर उन्होंने बहुत सारा तेल उंगली पर डालकर मेरी गांड में लगाया। मुझे मज़ा आ रहा था और फिर अंकल ने अपने लंड पर तेल लगाया। फिर मुझे सीधा किया और मेरी दोनों टाँगें उठाकर अपने कंधे पर रखी और लंड को गांड के छेद पर टिकाया और बोले कि विशु कहो मुझे अपनी बीवी बना लो, अपनी बीवी की सील तोड़ दो। तो मैंने ऐसा ही कहा और मेरे इतना कहते ही अंकल ने मेरे होंठो को कसकर अपने होंठो में बंद किया और जोरदार धक्का मारा तो मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन अंकल ने मेरे होंठो को नहीं छोड़ा में सिर्फ़ गूं गूं की आवाज़ें निकाल रहा था।
फिर अंकल ने मुझे कसकर पकड़ा और दूसरा जोरदार धक्का मारा। करीब आधा लंड अंदर जा चुका था, मेरी आँखों में आँसू आ गये, लेकिन अंकल ने मुझे छोड़ा नहीं और आहिस्ता-आहिस्ता धक्के मारने लगे, करीब 10 मिनट के बाद मेरे आँसू रुके तो अंकल ने मेरे होंठ छोड़े और बोले कि आज तुझे मैंने लड़के से लड़की बना दिया है और तुम मेरी बीवी बन गयी हो, मुझे बाहों में भरो विशु जान। मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था और फिर भी मैंने हाँ में सिर हिला दिया और अंकल को बाहों में भर लिया। फिर अचानक से अंकल ने मुझे बाहों में भरा और आख़री जोरदार धक्का मारा तो मेरे मुँह से चीख निकल गयी उई मम्मी उई मम्मी में मर जाऊंगा, निकाल लो जान, मेरी गांड फट गयी। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी गांड में कुछ गर्म गर्म गिर रहा है और किसी ने गर्म सरिया मेरी गांड में डाल दिया हो। फिर अंकल ने थोड़ी देर के बाद धक्के लगाने शुरू किए, मुझे बहुत दर्द हो रहा था और में रो भी रहा था, लेकिन अंकल ने मुझे नहीं छोड़ा और वो मेरी गांड फाड़ रहे थे।
फिर करीब 10 मिनट के बाद अंकल की स्पीड तेज़ हो गयी और उनका गर्म गर्म वीर्य मेरी गांड में निकला तब जाकर अंकल ने मुझे छोड़ा और मेरी गांड को देखने लगे और मुझे चूमने लगे। फिर मेरे होंठो पर किस करके बोले कि आज मैंने अपनी बीवी की गांड की सील तोड़ दी है, आज से तुम मेरी बीवी बन गयी हो, तुम्हारे सारे काम अब औरतों की तरह होने चाहिए। फिर मैंने हाँ में सिर हिला दिया, मुझे उठा नहीं जा रहा था तो अंकल ने सहारा देकर मुझे उठाया। फिर मैंने देखा मेरी गांड के नीचे की चादर पर थोड़ा खून और तेल दोनों लगे हुए थे। फिर में रोने लगा तो अंकल ने मुझे चुप कराया और बोले तुम लड़की हो ना, तुम्हारी सील टूटी है तो खून तो निकलना ही था और मुझे प्यार करने लगे। फिर उन्होंने ही मुझे नहलाया और मेरी गांड की गर्म पानी से सिकाई की और मुझे कुछ गोलीयां दी।
फिर में शाम को घर पहुंचा तो मुझसे चला नहीं जा रहा था। पापा ने पूछा तो बहाना बना दिया कि में गिर गया था। फिर अगले दिन शाम को में अंकल के घर गया तो उन्होंने मुझे देखते ही बाहों में भर लिया और मेरे होंठो को चूसने लगे और मुझे गोद में उठाकर रूम में लेकर आए और मुझे तैयार होने के लिए कहा। फिर में उनकी बीवी की तरह तैयार हो गया। फिर उन्होंने मुझे खाने के लिए एक गोली दी तो मैंने गोली खा ली। फिर मुझे उल्टा लेटाकर मेरी गांड में भी उंगली से एक गोली डाली तो मुझे अजीब सा लग रहा था। फिर उन्होंने मेरी खूब कसकर गांड मारी। मुझे दर्द तो हुआ, लेकिन मज़ा बहुत आया, सबसे ज़्यादा मज़ा मुझे तब आया जब उनके वीर्य की धार मेरी गांड में पड़ी। फिर अपना वीर्य मेरी गांड में डालकर उन्होंने मेरी गांड के छेद पर टेप लगा दिया ताकि उनका वीर्य और गोली बाहर ना आए। फिर अंकल बोले इस टेप को करीब 2 घंटे बाद हटाना, लेकिन मुझे बहुत परेशानी हो रही थी। फिर करीब 1 घंटे के बाद मैंने टेप हटा दिया, तो अंकल बोले तुमने अपने पति की बात नहीं मानी है इसकी तुम्हें सज़ा मिलेगी और जो वीर्य मेरी गांड से टपक रहा था उसे चम्मच में इकट्ठा करने लगे।
फिर जब चम्मच भर गई, तो उन्होंने चम्मच मुझे पीने के लिए दिया तो में झट से पी गया। उसका टेस्ट कुछ खट्टा और नमकीन सा था। फिर 2 महीने तक पतिदेव (अंकल) ने मुझे गोली खिलाई और जब भी मेरी गांड मारते एक गोली गांड में डाल देते और टेप लगा देते। फिर 2 महीने के बाद मेरा शरीर लड़कियों की तरह हो गया मोटे-मोटे चूतड़ और मोटी गांड और छाती भारी-भारी, लंबे बाल, गुलाबी होंठ। में एक औरत बन गया था। आज 8 साल हो गये है मेरे पति मेरी खूब देखभाल करते है मुझे रगड़कर चोदते है, सच में उन्होंने मुझे एक औरत बना दिया है ।।
एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था, में और सोनू अकेले थे और दोनों नंगे ही एक दूसरे से मज़े ले रहे थे कि अचानक एक 35 साल का आदमी मेरे घर में आया। ये और कोई नहीं था मेरे पापा के दोस्त राकेश अंकल थे जिनकी पत्नी को मरे अभी 2 महीने हुए थे। अंकल को देखते ही मेरी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। फिर हम दोनों ने जल्दी से कपड़े पहने और अंकल ने मुझे आवाज़ लगाई तो में बाहर आया तो वो कहने लगे कि ये तुम दोनों क्या कर रहे थे? मैंने सब देख लिया है। आज में तुम्हारी तुम्हारे पापा से शिकायत करूँगा, तो में रोने लगा। फिर मेरा दोस्त बाहर आया तो उसको अंकल ने डांटकर भगा दिया। फिर अंकल ने मेरी एक एक भी बात नहीं सुनी और राकेश अंकल वहाँ से चले गये। उनके जाने के बाद में अपनी तकदीर को कोसता रहा।
फिर रात को अंकल घर आए और कहने लगे शर्मा जी तुमसे कुछ बात करनी है। फिर अंकल और पापा दोनों अलग रूम में चले गये, में बहुत डर गया था। फिर कुछ देर के बाद जब पापा बाहर आए और बोले विशु बेटा कल रमेश अंकल के घर चले जाना अंकल तुम्हे पढ़ा देंगे। मेरे समझ में कुछ नहीं आ रहा था तो मैंने हाँ में सिर हिला दिया। अगले दिन रविवार को जब में रमेश अंकल के घर पहुंचा तो सुबह के 10 बज रहे थे। मैंने डोर बेल बजाई तो अंकल बाहर आए और बोले अरे विशु बाहर क्यो खड़े हो? अंदर आओ। फिर में अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया, फिर उन्होंने चाय बनाई और हम दोनों चाय पीने लगे।
फिर अंकल बोले जो तुम दोनों कर रहे थे वो ठीक नहीं था। फिर उन्होंने मुझे खींचकर अपने पास बैठा लिया। में डर रहा था, हम दोनों की चाय ख़त्म हो चुकी थी। फिर अंकल ने मुझे अपनी बाहों में भरा और मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए, में सिर्फ़ गूं गूं की आवाज़ ही निकाल पा रहा था। फिर उन्होंने करीब 5 मिनट के बाद मुझे आज़ाद किया और मुझसे बोले कि तुम्हारे होंठ बहुत टेस्टी है और इतना कहते ही उन्होंने अपने और मेरे कपड़े खोलने शुरू कर दिए तो में उनसे मना करने लगा। फिर वो बोले चुपचाप रहो विशु मेरी बात मान लो नहीं तो जो तुम दोनों कर रहे थे वो सब में तुम्हारे पापा को बता दूँगा। तो में डर गया और अंकल ने जल्दी से मेरे कपड़े निकाल दिए और बोले कि विशु तू बहुत चिकना है, आज तुझे में अपनी बीवी बनाऊंगा। फिर वो मुझे गोद में उठाकर अपने रूम में आ गये और मुझे मेकअप का सामान दिया और अपनी बीवी के कपड़े पहनने के लिए दिए। तो मैंने उनसे यह सब करने के लिए मना किया, तो अंकल ने मुझे एक थप्पड़ मारा। फिर में चुपचाप ब्रा, पेंटी, ब्लाउज, पेटीकोट और साड़ी पहनने लगा। फिर मैंने मेकअप किया। उसके बाद मैंने अपने आपको कांच में देखा तो में दुल्हन से भी ज़्यादा सुंदर लग रहा था और दुल्हन की तरह बिस्तर पर बैठ गया। उस समय मुझे एक अजीब सा मज़ा आ रहा था और डर भी लग रहा था।
फिर अंकल आए और मुझसे कहने लगे कि अपने पति के पैर नहीं छुओगी जान। फिर मैंने उठकर अंकल के पैर छुए और फिर उन्होंने मुझे गोद में उठाया और होंठ चूसते रहे और करीब 5 मिनट के बाद मुझे छोड़ा, फिर मैंने देखा कि अंकल बिल्कुल नंगे थे, उनका लंड बहुत मोटा और लंबा था। करीब 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था मुझे डर लग रहा था। फिर अंकल ने लंड मेरे हाथ में दिया और चूसने को बोला। फिर में आहिस्ता-आहिस्ता उनका लंड चूसने लगा तो मुझे कुछ अजीब सा ही मज़ा आ रहा था। फिर अंकल ने मुझे उल्टा लेटाया और मेरी गांड के छेद को अपने लंड से सहलाने लगे, तो मुझे भी मज़ा आने लगा था और में भी अपनी गांड हिला-हिलाकर उनके लंड को अंदर लेने के लिए बेचैन हो रहा था। फिर अंकल ने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझे अपना पति मानती हो? तो मैंने हाँ में सिर हिला दिया। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर अंकल ने मुझसे पूछा कि मेरी पत्नी थूक लगवाकर गांड की सील तुडवायेगी या तेल से या किसी और चीज़ से, तो में बोला तेल से, तो अंकल पहले से ही तेल लेकर आए थे। फिर उन्होंने बहुत सारा तेल उंगली पर डालकर मेरी गांड में लगाया। मुझे मज़ा आ रहा था और फिर अंकल ने अपने लंड पर तेल लगाया। फिर मुझे सीधा किया और मेरी दोनों टाँगें उठाकर अपने कंधे पर रखी और लंड को गांड के छेद पर टिकाया और बोले कि विशु कहो मुझे अपनी बीवी बना लो, अपनी बीवी की सील तोड़ दो। तो मैंने ऐसा ही कहा और मेरे इतना कहते ही अंकल ने मेरे होंठो को कसकर अपने होंठो में बंद किया और जोरदार धक्का मारा तो मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन अंकल ने मेरे होंठो को नहीं छोड़ा में सिर्फ़ गूं गूं की आवाज़ें निकाल रहा था।
फिर अंकल ने मुझे कसकर पकड़ा और दूसरा जोरदार धक्का मारा। करीब आधा लंड अंदर जा चुका था, मेरी आँखों में आँसू आ गये, लेकिन अंकल ने मुझे छोड़ा नहीं और आहिस्ता-आहिस्ता धक्के मारने लगे, करीब 10 मिनट के बाद मेरे आँसू रुके तो अंकल ने मेरे होंठ छोड़े और बोले कि आज तुझे मैंने लड़के से लड़की बना दिया है और तुम मेरी बीवी बन गयी हो, मुझे बाहों में भरो विशु जान। मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था और फिर भी मैंने हाँ में सिर हिला दिया और अंकल को बाहों में भर लिया। फिर अचानक से अंकल ने मुझे बाहों में भरा और आख़री जोरदार धक्का मारा तो मेरे मुँह से चीख निकल गयी उई मम्मी उई मम्मी में मर जाऊंगा, निकाल लो जान, मेरी गांड फट गयी। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी गांड में कुछ गर्म गर्म गिर रहा है और किसी ने गर्म सरिया मेरी गांड में डाल दिया हो। फिर अंकल ने थोड़ी देर के बाद धक्के लगाने शुरू किए, मुझे बहुत दर्द हो रहा था और में रो भी रहा था, लेकिन अंकल ने मुझे नहीं छोड़ा और वो मेरी गांड फाड़ रहे थे।
फिर करीब 10 मिनट के बाद अंकल की स्पीड तेज़ हो गयी और उनका गर्म गर्म वीर्य मेरी गांड में निकला तब जाकर अंकल ने मुझे छोड़ा और मेरी गांड को देखने लगे और मुझे चूमने लगे। फिर मेरे होंठो पर किस करके बोले कि आज मैंने अपनी बीवी की गांड की सील तोड़ दी है, आज से तुम मेरी बीवी बन गयी हो, तुम्हारे सारे काम अब औरतों की तरह होने चाहिए। फिर मैंने हाँ में सिर हिला दिया, मुझे उठा नहीं जा रहा था तो अंकल ने सहारा देकर मुझे उठाया। फिर मैंने देखा मेरी गांड के नीचे की चादर पर थोड़ा खून और तेल दोनों लगे हुए थे। फिर में रोने लगा तो अंकल ने मुझे चुप कराया और बोले तुम लड़की हो ना, तुम्हारी सील टूटी है तो खून तो निकलना ही था और मुझे प्यार करने लगे। फिर उन्होंने ही मुझे नहलाया और मेरी गांड की गर्म पानी से सिकाई की और मुझे कुछ गोलीयां दी।
फिर में शाम को घर पहुंचा तो मुझसे चला नहीं जा रहा था। पापा ने पूछा तो बहाना बना दिया कि में गिर गया था। फिर अगले दिन शाम को में अंकल के घर गया तो उन्होंने मुझे देखते ही बाहों में भर लिया और मेरे होंठो को चूसने लगे और मुझे गोद में उठाकर रूम में लेकर आए और मुझे तैयार होने के लिए कहा। फिर में उनकी बीवी की तरह तैयार हो गया। फिर उन्होंने मुझे खाने के लिए एक गोली दी तो मैंने गोली खा ली। फिर मुझे उल्टा लेटाकर मेरी गांड में भी उंगली से एक गोली डाली तो मुझे अजीब सा लग रहा था। फिर उन्होंने मेरी खूब कसकर गांड मारी। मुझे दर्द तो हुआ, लेकिन मज़ा बहुत आया, सबसे ज़्यादा मज़ा मुझे तब आया जब उनके वीर्य की धार मेरी गांड में पड़ी। फिर अपना वीर्य मेरी गांड में डालकर उन्होंने मेरी गांड के छेद पर टेप लगा दिया ताकि उनका वीर्य और गोली बाहर ना आए। फिर अंकल बोले इस टेप को करीब 2 घंटे बाद हटाना, लेकिन मुझे बहुत परेशानी हो रही थी। फिर करीब 1 घंटे के बाद मैंने टेप हटा दिया, तो अंकल बोले तुमने अपने पति की बात नहीं मानी है इसकी तुम्हें सज़ा मिलेगी और जो वीर्य मेरी गांड से टपक रहा था उसे चम्मच में इकट्ठा करने लगे।
फिर जब चम्मच भर गई, तो उन्होंने चम्मच मुझे पीने के लिए दिया तो में झट से पी गया। उसका टेस्ट कुछ खट्टा और नमकीन सा था। फिर 2 महीने तक पतिदेव (अंकल) ने मुझे गोली खिलाई और जब भी मेरी गांड मारते एक गोली गांड में डाल देते और टेप लगा देते। फिर 2 महीने के बाद मेरा शरीर लड़कियों की तरह हो गया मोटे-मोटे चूतड़ और मोटी गांड और छाती भारी-भारी, लंबे बाल, गुलाबी होंठ। में एक औरत बन गया था। आज 8 साल हो गये है मेरे पति मेरी खूब देखभाल करते है मुझे रगड़कर चोदते है, सच में उन्होंने मुझे एक औरत बना दिया है ।।