कहानी मेरे बुआ जी के लड़के की सुहागरात की है। भैया काफ़ी खुश नज़र आ रहे थे और हो भी क्यों ना.. आज उनको चूत जो मिलने वाली थी और वो एक कुंवारी लड़की को सुहागिन बनाने वाले थे।
दोस्तो, मैं अरुण कुमार अपने एक चाहने वाले की कहानी को उसी के शब्दों में लिख रहा हूँ।
हाय.. मेरा नाम विपुल है, मैं उ.प्र. का रहने वाला हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।
उस समय मेरी उम्र 20 साल की थी। मेरे बुआ जी के लड़के उम्र उस समय 25 साल थी।
उनका घर काफ़ी बड़ा है। जैसा कि आप सब लोग जानते है कि शादी में बहुत लोग आते हैं तो उनका पूरा घर मेहमानों से भरा था। मैं उनके यहाँ दो दिन पहले ही पहुँच गया था।क्योंकि मुझे भी काफ़ी काम कराना था।
सब लोग मुझको देखकर काफ़ी खुश हुए।
इसी तरह कब दो दिन बीत गए.. पता ही नहीं चले। आख़िर वो दिन आ ही गया जिसका सबको इंतज़ार था.. मतलब भैया की शादी।
भैया की शादी का इंतज़ाम काफ़ी अच्छा किया गया था और शादी काफ़ी धूम-धाम से हो गई। दोस्तो मैं आपको भैया बारे में बता दूँ, वो रोज़ ज़िम जाते हैं जिससे उनका शरीर एकदम कसा हुआ है। उनकी लंबाई 5 फुट 9 इंच है।
भाई भाभी की सुहागरात
शादी हो गई और आख़िर वो रात भी आ ही गई.. जिसका भैया को इंतज़ार था, मतलब सुहाग की रात.. सुहागरात।
भैया काफ़ी खुश नज़र आ रहे थे और हो भी क्यों ना.. आज उनको नई नवेली चूत मिलने वाली थी और वे एक कुँवारी कन्या को सुहागन बनाने वाले थे।
मैं भी काफ़ी खुश था.. क्योंकि नई-नई भाभी जो घर आई थीं। धीरे-धीरे रात हुई कुछ मेहमान जा चुके थे और जो रह गए थे, उनका बिस्तर दूसरी मंज़िल पर लगाया गया था।
भैया को हम सब लड़कों ने घेर रखा था और भैया से मज़े ले रहे थे, भैया काफ़ी शरमा रहे थे।
उधर घर की सारी लड़कियां-भाभियां भैया की सुहागरात के लिए उनका कमरा सजाने में लगी थीं। उनका कमरा काफ़ी अच्छे से सजाया गया था.. पूरे बिस्तर पर गुलाब के फूल बिछे थे और परफ्यूम छिड़का गया था, जिससे उत्तेजित करने वाली खुशबू आ रही थी।
तभी मैंने सोचा कि क्यूँ ना आज भैया-भाभी की सुहागरात देखी जाए।
दोस्तो, मैं अपने साथ फोटो खींचने के लिए एक वीडियो कैमरा भी लाया था।
मैंने वही कैमरा भैया के कमरे में इस तरह छुपा कर लगाया कि कमरे का पूरा नज़ारा साफ दिखाई दे और उस कैमरे को कोई भी ना देख सके।
फिर भाभी को अन्दर बिस्तर पर बैठा दिया गया।
भाभी लाल लहंगे ब्लाउज में थीं और ऊपर से घूँघट डाले बैठी थीं।
उस समय भाभी बहुत सुंदर लग रही थीं। जब मैंने भाभी को देखा तो मेरा मन कर रहा था कि आज मैं ही भाभी के साथ सुहागरात मना लूँ, पर ऐसा कहाँ हो सकता था।
तभी सब लड़कियों ने भैया को कमरे में भेज दिया।
अब जो मेरे कैमरे में क़ैद हुआ मैं आपको वो बताता हूँ।
भैया ने कमरे में जाते ही अन्दर से लॉक कर लिया और भाभी के पास जा कर बैठ गए, वे भाभी से इधर-उधर की बातें करने लगे।
भाभी ‘हाँ.. हूँ..’ में बातों का जवाब दे रही थीं।
तभी भैया भाभी के एकदम पास आ गए और भाभी का घूँघट उठाने लगे।
भाभी का चेहरा शर्म से नीचे झुका हुआ था।
दोस्तो, मैं अरुण कुमार अपने एक चाहने वाले की कहानी को उसी के शब्दों में लिख रहा हूँ।
हाय.. मेरा नाम विपुल है, मैं उ.प्र. का रहने वाला हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है।
उस समय मेरी उम्र 20 साल की थी। मेरे बुआ जी के लड़के उम्र उस समय 25 साल थी।
उनका घर काफ़ी बड़ा है। जैसा कि आप सब लोग जानते है कि शादी में बहुत लोग आते हैं तो उनका पूरा घर मेहमानों से भरा था। मैं उनके यहाँ दो दिन पहले ही पहुँच गया था।क्योंकि मुझे भी काफ़ी काम कराना था।
सब लोग मुझको देखकर काफ़ी खुश हुए।
इसी तरह कब दो दिन बीत गए.. पता ही नहीं चले। आख़िर वो दिन आ ही गया जिसका सबको इंतज़ार था.. मतलब भैया की शादी।
भैया की शादी का इंतज़ाम काफ़ी अच्छा किया गया था और शादी काफ़ी धूम-धाम से हो गई। दोस्तो मैं आपको भैया बारे में बता दूँ, वो रोज़ ज़िम जाते हैं जिससे उनका शरीर एकदम कसा हुआ है। उनकी लंबाई 5 फुट 9 इंच है।
भाई भाभी की सुहागरात
शादी हो गई और आख़िर वो रात भी आ ही गई.. जिसका भैया को इंतज़ार था, मतलब सुहाग की रात.. सुहागरात।
भैया काफ़ी खुश नज़र आ रहे थे और हो भी क्यों ना.. आज उनको नई नवेली चूत मिलने वाली थी और वे एक कुँवारी कन्या को सुहागन बनाने वाले थे।
मैं भी काफ़ी खुश था.. क्योंकि नई-नई भाभी जो घर आई थीं। धीरे-धीरे रात हुई कुछ मेहमान जा चुके थे और जो रह गए थे, उनका बिस्तर दूसरी मंज़िल पर लगाया गया था।
भैया को हम सब लड़कों ने घेर रखा था और भैया से मज़े ले रहे थे, भैया काफ़ी शरमा रहे थे।
उधर घर की सारी लड़कियां-भाभियां भैया की सुहागरात के लिए उनका कमरा सजाने में लगी थीं। उनका कमरा काफ़ी अच्छे से सजाया गया था.. पूरे बिस्तर पर गुलाब के फूल बिछे थे और परफ्यूम छिड़का गया था, जिससे उत्तेजित करने वाली खुशबू आ रही थी।
तभी मैंने सोचा कि क्यूँ ना आज भैया-भाभी की सुहागरात देखी जाए।
दोस्तो, मैं अपने साथ फोटो खींचने के लिए एक वीडियो कैमरा भी लाया था।
मैंने वही कैमरा भैया के कमरे में इस तरह छुपा कर लगाया कि कमरे का पूरा नज़ारा साफ दिखाई दे और उस कैमरे को कोई भी ना देख सके।
फिर भाभी को अन्दर बिस्तर पर बैठा दिया गया।
भाभी लाल लहंगे ब्लाउज में थीं और ऊपर से घूँघट डाले बैठी थीं।
उस समय भाभी बहुत सुंदर लग रही थीं। जब मैंने भाभी को देखा तो मेरा मन कर रहा था कि आज मैं ही भाभी के साथ सुहागरात मना लूँ, पर ऐसा कहाँ हो सकता था।
तभी सब लड़कियों ने भैया को कमरे में भेज दिया।
अब जो मेरे कैमरे में क़ैद हुआ मैं आपको वो बताता हूँ।
भैया ने कमरे में जाते ही अन्दर से लॉक कर लिया और भाभी के पास जा कर बैठ गए, वे भाभी से इधर-उधर की बातें करने लगे।
भाभी ‘हाँ.. हूँ..’ में बातों का जवाब दे रही थीं।
तभी भैया भाभी के एकदम पास आ गए और भाभी का घूँघट उठाने लगे।
भाभी का चेहरा शर्म से नीचे झुका हुआ था।