शादी की पहली रात सेक्स कहानियाँ - Malayalam sex stories

शादी की पहली रात सेक्स कहानियाँ

sexstories

Administrator
Staff member
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]आज घर में काफ़ी खुशी का माहौल था। लेकिन मैं सबसे ज्यादा खुश था और होऊँ भी क्यों ना, मेरी शादी जो थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]शादी के बाद मैं अपनी बीवी सोनू को लेकर अभी घर आया था। सोनू ने अपना पहला पैर घर के अन्दर रखा और अपने पैर से चावलों का बर्तन गिरा दिया। मेरी माँ और मेरी बहनें उसे लेकर अन्दर चली गई। घर में सब लोग अपने काम में लगे हुए थे, लेकिन मैं रात का इन्तज़ार कर रहा था।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]आज मेरी सुहाग रात जो थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]रात हुई और मैं अपने कमरे में आया, सोनू बैड पर मेरा इन्तज़ार कर रही थी, मैंने दरवाजे की कुंडी अन्दर से बन्द कर दी। शायद सोनू ने मुझे देखा और अपनी नज़रें झुका लीं। मैं बैड के पास आया और सोनू के पास बैठ गया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]बातें करते करते मैने अपना हाथ सोनू की जाँघ पर रख दिया। उसने कोई विरोध नहीं किया, अब मैंने अपने हाथों से उसका चेहरा उठाया और उसके गालों पर चूम लिया। उसने अपनी आँखे बन्द कर लीं। अब मैंने उसके होंठों पर चूमा।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उफ़ऽऽ !![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]क्या गुलाब की पंखुड़ी जैसे मलाईदार होंठ थे। मैंने उसके होंठो को चूसना शुरु किया और धीरे धीरे अपने हाथ उसके शरीर पर चलाने लगा। उसकी साँसें तेज होने लगी। मैंने उसके उरोजों पर हाथ रखा और उनको दबाने लगा उसके मुँह से सी...। सी...॥ की अवाजें निकलने लगी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी। मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु किये, पहले साड़ी, फिर ब्लाउज और फिर पेटिकोट अब वो सिर्फ़ लाल रंग की ब्रा और पैन्टी में थी। उसको इस तरह से देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गई। उफ़ ! क्या गजब का बदन था उसका ! दूध की तरह सफ़ेद बदन और उसके ऊपर लाल रंग की ब्रा और पैन्टी ! सोनू बिल्कुल अप्सरा की तरह लग रही थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरा लंड एकदम खड़ा हो चुका था और पैन्ट फाड कर बाहर आने को बेताब था। मैंने अपना अन्डरवियर छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिये और सोनू ऊपर आकर उसको बेतहाशा चूमने लगा। अब मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके दोनों कबूतरों को आज़ाद कर दिया। क्या मस्त बूब्स थे उसके ! एकदम टाईट ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं उसके दोनों कबूतरों को चूसने लगा। उसके मुँह से सी......सी......उफ़्......हाय्...... की आवाजें निकलने लगी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो कहने लगी- जानेमन और जोर से चूसो ! मसल दो इनको ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैंने उसकी पैन्टी को भी उतार दिया। क्या चूत थी उसकी ! एकदम गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था ! उसकी चूत की दोनों फांके फडक रही थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने पागलों की तरह उसकी चूत को चाटना शुरु कर दिया। उसने अपनी दोनों टाँगों को उठा कर मेरे कन्धों पर रख दिया और मेरा सर अपने हाथों से अपनी चूत पर दबा दिया और बोलने लगी- और जोर से चाटो ! आज मेरा सारा पानी निकाल दो मेरे सैंया ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं भी उसकी चूत को जोर जोर से चाटने लगा। मेरा मन ऐसा कर रहा था कि उसकी चूत में ही घुस जाऊँ ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने चाट चाट कर उसका सारा पानी निकाल दिया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने अपना अन्डरवियर भी उतार दिया और अपना ७ इन्च लम्बा और ३ इन्च मोटा लंड उसके हाथ में दे दिया। उसने मेरे लंड को देखा और कहा- इतना मोटा लंड मेरी चूत के अन्दर कैसे घुसेगा?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने कहा- जानेमन घुसेगा तो बाद में, पहले इसका स्वाद तो लो ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसको चूसने लगी। उसने मेरे लंड की चमड़ी को ऊपर से अलग किया और मेरे लंड के सुपाड़े को चूसने लगी। उसके इस तरह से लंड चूसने से मैं पागल हो गया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब हम ६९ की पोजिशन में आ गये। हाय ! क्या चूतड़ थे उसके ! एक दम गोल और मोटे मोटे ! मैन उसके चूतड़ों को मसलना शुरु कर दिया जिससे वो और उत्तेजित हो गई और जोर जोर से मेरे लंड को चूसने लगी। उसके इस तरह चूसने से मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैंने अपने लंड और उसकी चूत को साफ़ किया और उसको उठा कर बैड पर चित लिटा दिया। मैंने उसकी दोनों टाँगों को अपने कन्धों पर रखा और अपना लंड उसकी चूत के दरवाजे पर लगा कर धक्का दिया। उसके मुँह से आह निकल गई। उसकी चूत बहुत टाईट थी जिसकी वजह से मेरा लंड अन्दर नहीं जा रहा था।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैंने थोड़ा जोर से धक्का लगाया जिससे मेरा आधा लंड चूत के अन्दर घुस गया। सोनू के मुँह से चिल्लाने की आवाजें निकलने लगी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने कहा- प्लीज बाहर निकालो बहुत दर्द हो रहा है।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने कहा- थोड़ा तो दर्द होगा ही ! अब मैंने थोड़ा और ज़ोर से धक्का लगाया जिससे मेरा पूरा लंड चूत के अन्दर घुस गया। सोनू ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी। मैंने तुरन्त उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया जिससे उसके मुँह से आवाज नहीं निकले। मैं थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा, फिर धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किये।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसका भी दर्द अब थोड़ा कम हो गया था। अब वो भी चुदाई में साथ देने लगी और अपने चूतड़ों को उठा उठा कर धक्के लगाने लगी। मेरे भी धक्के तेज होने लगे थे। पूरे कमरे में बस सी......सी......आह्......आह्...... की आवाजें सुनाई दे रही थी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]सोनू भी बोलने लगी- और ज़ोर ज़ोर से चोदो ! फाड़ दो मेरी चूत को ! आज की रात मत रुकना ![/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]और मैं भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था। अब मैने सोनू को अपने ऊपर लिया और उसकी चूत में अपने लंड को पेल दिया। अब वो मुझे चोद रही थी। मैं भी उसके चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे से धक्के लगा रहा था। करीब १० मिनट की चुदाई के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा मुझे पता चल गया कि अब वो झड़ने वाली है।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं झटके से उसके ऊपर आ गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा। उसने मेरे सारे बदन को जकड़ लिया। मेरे शरीर पर उसके नाखूनों के खरोंचों के निशान पड़ चुके थे। ज़ोर से आवाज करती हुई वो झड़ गई।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैंने और ज़ोर से धक्के लगाने शुरु कर दिये। करीब १० मिनट तक मैं उसको चोदता रहा अब मैं भी झड़ने के करीब आ रहा था। मैंने उसके दोनों ऊरोज़ो को ज़ोर से पकड़ लिया और धक्के लगाते हुए झड़ गया और उसके ऊपर ही निढ़ाल पड़ गया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]सोनू बोली- समीर तुम्हारा लंड तो कमाल का है ! क्या ज़बरदस्त चुदाई करता है।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं बोला- जानेमन अभी चुदाइ पूरी कहाँ हुई है ! अभी तो पूरी रात पड़ी है।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो बोली- सच ! क्या पूरी रात तुम मुझे ऐसे ही चोदोगे?[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने कहा- बिल्कुल और अभी तो तुम्हारी गांड भी मारनी है। तुम्हारे चूतड़ों ने तो मुझे पागल कर दिया है। जब तक तुम्हारी गांड नहीं चुदेगी तब तक सुहाग रात का मज़ा ही कहाँ पूरा होगा।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब वो मेरे लंड से खेलने लगी। और मेरी दोनों चूंचियों को चूसने लगी। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। वो मेरे लंड को अपने हाथों से आगे पीछे करने लगी। मैंने उसको उठाया और घोड़ी बना दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। मैं अपनी जीभ से उसकी गांड के छेद को भी चोदने लगा।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]उसने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी गांड में दबा दिया। मैंने अपने थूक से उसकी गांड को गीला कर दिया और अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर लगा कर ज़ोर से धक्का दिया। मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया। उसने अपनी गांड को दबा कर कस लिया जिससे मेरा लंड ना आगे हो रहा था और ना ही पीछे। शायद उसको भी गांड मराने में मज़ा रहा था।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैंने ज़ोर से धक्का दिया जिससे मेरा पूरा लंड उसकी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। अब मैंने धक्के लगाने शुरु किये और वो भी साथ देने लगी, वो भी अपने चूतड़ों को हिला हिला कर धक्के लगाने लगी। पूरा कमरा धप्...धप... की आवाजों से भर गया था। सोनू के मुँह से भी सिसकारियाँ निकलने लगी। उसके मुँह से निकली सिसकारियों की आवाज से मेरे अन्दर उत्तेजना भर गई और मैं और ज़ोर से धक्के लगाने लगा। उसके चूतड़ों से जब मेरी जांघ टकराती तो ऐसा लगता जैसे तबले पर थाप पड़ रही हो।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब मैंने उसको बिस्तर पर सीधा लिटाया और उसके पैरों को अपने कंधो पर रख कर उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया। मेरा लंड बिना किसी अड़चन के पूरा अन्दर घुस गया और मेरे धक्के फिर से शुरू हो गये। अब मेरे धक्कों में तेजी आती जा रही थी मेरा सारा शरीर अकड़ने लगा और मैं आनन्द की चरम सीमा पर पहुँच कर उसकी गांड में ही झड़ गया।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैंने अपना लंड उसकी गांड में से निकाला तो फक की आवाज से मेरा लंड बाहर निकल गया और मेरे वीर्य की बूंदें बाहर निकल कर चादर पर गिरने लगी।[/font]

[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]सोनू को भी बहुत मज़ा आया गांड चुदवा कर। सवेरे के ४ बज चुके थे हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर नंगे ही सो गये। हमारे बिस्तर की चादर पर पड़ी हुई खून और वीर्य की बूंदें सोनू की कुंवारी चूत और रात के खेल की सारी कहानी बयान कर रहे थे।[/font]
 
Back
Top